महिषासुर का जन्म और कथा

महिषासुर का जन्म और कथा बहुत समय पहले दानव दनु के वंश मे रम्भ और क्रम्भ नामक असुर जन्में । (दैत्य, दानव और राक्षस अलग-अलग है ) दोनो भाई बालपन से ही शक्तिशाली थे । अपनी शक्तियों को और प्रबल करने के लिये दोनो ने तप करने का संकल्प करा । दानव क्रम्भ ने वरुण देव को प्रसन्न करने के लिये जल मे कठिन तप आरंभ करा । उसके संकल्प और कठिन तप से देवराज इन्द्र घबरा गये । उन्होने मकर का रूप धारण करा और क्रम्भ का वध कर दिया । यह देख कर रम्भ ने अग्नी देव की कठिन साधना शुरु कर दी । देवराज ने रम्भ का वध करने के लिये अनेक योजनायें बनाई पर सफ़ल नही हो सके । तप सफ़ल रहा और अग्नी देव प्रकट हो गये । रम्भ ने विचित्र वरदान मांगा । “हे अग्नी देव ! मुझे शक्ती के साथ ऐसा वरदान दीजिये की मेरी मौत का कारण सिर्फ़ कोई मरा हुआ व्यक्ती ही बने। “ अग्नी देव ने उसे यह वरदान सहर्ष दे दिइया । परन्तु रम्भ इससे सन्तुष्ट नही हुआ । उसने आगे बोला “ हे अग्नी देव मुझे यह वरदान भी दीजिये की मुझे तेज प्रतापी पुत्र का पिता बनने का गौरव प्राप्त हो ।“ अग्नी देव ने रम्भ को यह वरदान भी सहर्ष दे दिया । अग्नी देव ने कहा “हे रम्भ...